ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए जियो को भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मिल गई
मुंबई
मुकेश अंबानी की कंपनी- Jio फाइनेंशियल सर्विसेज को एक बड़ी सफलता मिली है। दरअसल, इसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी Jio पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड (जेपीएसएल) ने स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया कि उसे ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मंजूरी मिल गई है। इस खबर के बीच Jio फाइनेंशियल के शेयर पर निवेशक टूट पड़े और भाव में 2 फीसदी उछाल आ गया। ट्रेडिंग के दौरान शेयर की कीमत 325.75 रुपये के स्तर तक पहुंच गई। बता दें कि शेयर के 52 हफ्ते का हाई 395 रुपये है।
विस्तार का है मौका
यह मंजूरी ऐसे समय में मिली है जब दिग्गज फिनटेक फर्म पेटीएम को आरबीआई की नियामक कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। ऐसे माहौल में जियो के पास डिजिटल वित्तीय सेवा बाजार में हिस्सेदारी हासिल करने का मौका है। बता दें कि जियो पेमेंट्स बैंक, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का हिस्सा है। यह वर्तमान में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और एक फिजिकल डेबिट कार्ड के साथ डिजिटल सेविंग अकाउंट प्रोवाइड करता है। इसमें 1.5 मिलियन से अधिक सक्रिय यूजर हैं।
हाल ही में जियो फाइनेंशियल सर्विसेस ने अपना नया और बेहतर जियो फाइनेंस ऐप लॉन्च करने की घोषणा की है। इस ऐप का बीटा संस्करण 30 मई, 2024 को लॉन्च किया गया था। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज की गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) जियो फाइनेंस लिमिटेड ने बताया कि वह होम लोन सर्विस शुरू करने के अंतिम चरण में है। इसे परीक्षण के तौर पर (बीटा) शुरू किया गया है। इसके अलावा, कंपनी संपत्ति पर ऋण और प्रतिभूतियों पर ऋण जैसे अन्य उत्पाद भी पेश करने जा रही है।
कैसे रहे सितंबर तिमाही के नतीजे
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का सितंबर 2024 को समाप्त दूसरी तिमाही में मुनाफा मामूली तीन प्रतिशत बढ़कर 689 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने एक साल पहले इसी तिमाही में 668 करोड़ रुपये का मुनाफा अर्जित किया था। कुल आय तिमाही में बढ़कर 694 करोड़ रुपये हो गई। एक साल पहले इसी तिमाही में यह 608 करोड़ रुपये थी। हालांकि, पिछले वर्ष की समान अवधि में 71 करोड़ रुपये के मुकाबले कुल खर्च दोगुना होकर 146 करोड़ रुपये हो गया।
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